Board exam copy checking step marking kya hota hai

Board Exam Copy Checking: Step Marking से मिल रहा बम्पर नंबर

बोर्ड एग्जाम कॉपी चेकिंग: स्टेप मार्किंग से बरस रहे मार्क्स

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Board Exam Copy Checking: बोर्ड एग्जाम की कॉपी जाँच शुरू हो चुकी है। Examiner यानि कॉपी जाँच करने वाले टीचर अपने-अपने ईवैल्यूऐशन सेंटर पर पहुँच चुके हैं।

चाहे बिहार बोर्ड हो चाहे UP बोर्ड हो, चाहे MP बोर्ड या झारखंड बोर्ड, CBSE हो या ICSE, सभी बोर्ड एग्जाम की कॉपी जाँच में कुछ बातें कॉमन होती हैं।

जैसे अच्छी राइटिंग, साफ सुथरी लिखावट, दो अलग अलग Answers यानि उत्तरों के बीच स्पष्ट गैप, ये बातें हर बोर्ड Exam की कॉपी जाँच में देखी जाती हैं। और कॉपी जाँच में मिलने वाले नंबर पर ये बातें काफी असर भी डालती हैं।

Board Exam Copy checking

Board Exam copy checking

विभिन्न केंद्रों पर भेजी जाती है कॉपी 

विभिन्न राज्यों या CBSE, ICSE के बोर्ड एग्ज़ाम समाप्त होने के बाद कॉपी चेक होने के लिए देश और राज्य भर के विभिन्न केंद्रों में भेजी जाती हैं। 

CBSE और ICSE बोर्ड एग्जाम की कॉपी देश भर में चेक की जाती है। जबकि अलग-अलग राज्यों के बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी उसी राज्य के विभिन्न शहरों में चेक की जाती है। इसके लिए कई मूल्यांकन केंद्र (Evaluation Centre) बनाए जाते हैं। 

अनुभवी शिक्षकों की होती है नियुक्ति 

बोर्ड एग्जाम की कॉपी चेक करने के लिए बोर्ड विभिन्न स्कूलों से अनुभवीं शिक्षकों की नियुक्तियां करता है। कॉपी चेक करने वाले शिक्षक को प्रति कॉपी के हिसाब से बोर्ड भुगतान करता है। इसके लिए प्रति कॉपी के हिसाब एक राशि तय होती है। 

अलग-अलग बोर्ड के एग्जाम में ये राशि अलग-अलग होती है। प्रतिदिन चेक किए जाने वाले कॉपी की संख्या भी अलग-अलग बोर्ड में अलग-अलग होती है। 

गोपनीय रखी जाती है छात्रों की पहचान

उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्यांकन केंद्रों में भेजने से पहले उसमें से नाम और रोल नंबर वाला पेज हटा दिया जाता है। और उसकी जगह एक गुप्त कोड या Barcode लगा दिया जाता है। जिसका पता सिर्फ बोर्ड के स्टाफ को होता है। 

इस प्रक्रिया द्वारा बोर्ड यह सुनिश्चित करता है कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन यानि चेकिंग के दौरान किसी छात्र की पहचान उजागर न हो। और कॉपी जाँच प्रक्रिया की गोपनीयता बनी रहे। 

Step Marking Kya Hota hai

तो अब ये सवाल उठता है कि ये स्टेप मार्किंग आखिर है क्या चीज?

आपको मिलने वाले नंबर पर, आपके रिजल्ट पर इसका क्या असर पड़ता है?

ये बातें अगर आपने समझ लिया तो रिजल्ट से पहले ही आपको पता चल जाएगा की बोर्ड कॉपी चेक में आपको कितना नंबर मिलने वाला है।

अधिकतर बोर्ड में अपनाया गया है Step Marking

आज देश के अधिकतर राज्यों की बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी जाँच में स्टेप मार्किंग का तरीका अपनाया जा रहा है। क्यूंकी इससे छात्रों के रिजल्ट का प्रतिशत काफी बढ़ जाता है। यानि अधिक छात्र बोर्ड एग्जाम में पास हो पाते हैं।

CBSE और ICSE बोर्ड की परीक्षाओं में बहुत पहले से ये मार्किंग स्कीम अपनाई जा रही है। जबकि अब कई दूसरे राज्यों के बोर्ड एग्जाम में भी ये तरीका अपना लिया गया है।

Answer गलत लिखने पर भी मिलते हैं नंबर

तो स्टेप मार्किंग असल में एक मार्किंग स्कीम होती है। यानि आसान भाषा में कहें तो स्टेप मार्किंग असल में छात्रों को कॉपी जाँच में, नंबर देने का एक तरीका है। इसमें पहले जहां हर प्रश्न (Question) का पूरा Answer लिखने पर नंबर दिए जाते थे। वहीं अब उसके हर स्टेप पर नंबर दिए जाने की व्यवस्था कर दी गई है।

उदाहरण के तौर पर पांच मार्क्स के प्रश्न (Question) को एक-एक करके पांच मार्क्स में बांट दिया गया है। अगर दो स्टेप सही करने के बाद स्टूडेंट गलत आंसर लिखता है तो भी उसे दो मार्क्स दिए जाएंगे।

इसी प्रकार 2 नंबर के प्रश्न को 2 या 3 स्टेप में बाँट दिया जाता है। हर स्टेप के लिए एक नंबर या आधा नंबर तय किया जाता है। इसलिए अगर कोई छात्र पूरा उत्तर न लिखे। बल्कि एक-दो स्टेप तक उत्तर लिख कर छोड़ दे। तो भी उसे उतने स्टेप का नंबर मिलेगा। जबकि पहले ऐसी स्थिति में छात्र को कोई अंक नहीं मिलता था। 

स्टेप मार्किंग की पूरी प्रक्रिया आप नीचे दिए गए चित्र के माध्यम से समझ सकते हैं। स्टेप मार्किंग की वजह से ही बोर्ड परीक्षाओं में स्टूडेंट्स का फेल का प्रतिशत कम हो गया है। मार्क्स भी खूब मिलते हैं।

Answer के हर स्टेप के लिए निर्धारित होते हैं अंक

Marking scheme kya hota hai

ऊपर दिया गया चित्र CBSE द्वारा प्रकाशित एक मार्किंग स्कीम से लिया गया है।  इसमें 3 Questions और उनके उत्तर दिए गये हैं। इसमें आप देख सकते हैं कि हर स्टेप के कुछ अंक निर्धारित हैं।

तो अगर आपके Answer में यह सारे स्टेप होंगे तो आपको पूरा नंबर मिलेगा। इनमे से कोई भी स्टेप अगर आपने नहीं लिखा होगा या गलत लिखा होगा तो नंबर कटेंगे। 

Step Marking में Answer के हर एक स्टेप के लिए कुछ अंक निर्धारित होते हैं। अगर आपने अंत में उत्तर सही लिखा है, मगर बीच के स्टेप गायब कर दिए हैं या गलत कर दिए हैं। तो सही उत्तर देने के बावजूद आपको उस प्रश्न के लिए पूरे अंक नहीं मिलेंगे। जितना स्टेप आपका गलत होगा या लिखा हुआ नहीं होगा उतने स्टेप का नंबर नहीं मिलेगा। 

किसी भी उत्तर के लिए पूरे नंबर तभी दिए जाते हैं जब उस उत्तर में वो सारे स्टेप मौजूद हों जो बोर्ड द्वारा दी गई मार्किंग स्कीम में होते हैं।

जिस उत्तर में कुछ Answer Key या Value Points नहीं होते तो शिक्षक उस उत्तर में पूरे नंबर नहीं देते। इसी तरह अगर पूरा उत्तर सही है, मगर कोई एक स्टेप गलत हो गया हो तो सिर्फ उस एक स्टेप के अंक काटे जाएंगे। पूरा नंबर नहीं काटा जाएगा। 

ज़्यादा लिखने पर ज़रूरी नहीं कि ज़्यादा अंक मिलें

कुछ छात्र यह सोचते हैं कि अगर उत्तर लिखने के दौरान ज़्यादा से ज़्यादा शब्द लिखें होंगे तो ज़्यादा अंक मिलेंगे। यह धारणा पूरी तरह से गलत है।  CBSE, ICSE या दूसरे राज्यों के बोर्ड परीक्षाओं में आपसे जो पूछा गया है और जितना पूछा गया है। सिर्फ उतना लिखने पर ही अंक मिलते हैं। 

उदाहरण के लिए अगर आपसे प्रश्न में गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत पूछा गया है और आपने उत्तर में गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत सही-सही लिखा है। तो आपको पूरे अंक मिलेंगे। इसके अलावा अगर आपने कुछ भी लिखा हो तो उसका कोई अतिरिक्त अंक नहीं मिलेगा। 

इसलिए To The point उत्तर लिखना बेहतर माना जाता है। अर्थात जो पूछा गया हो और जितना पूछा गया हो उतना ही लिखना ही बेहतर है। ज्यादा लिखने से समय की बर्बादी होती है, कोई फायदा नहीं होता। 

Final Words

उम्मीद है कि आप बोर्ड कॉपी चेकिंग में अपनाई जाने वाले Step Marking को समझ चुके होंगे। अब आप अपने बोर्ड एग्जाम में मिलने वाले नंबर का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं। 

फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो नीचे कमेन्ट बॉक्स में पुछ सकते हैं। 

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बोर्ड एग्जाम की कॉपी कैसे चेक होती है

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4 thoughts on “Board Exam Copy Checking: Step Marking से मिल रहा बम्पर नंबर”

  1. Agar koi dusra question diya he or mujhe vo yaad nhi he or me dusra answer de du to ky usme no. Nhi milega 🥺?

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